ePrivacy and GPDR Cookie Consent by Cookie Consent आधुनिक संस्कृत साहित्य का इतिहास - GYANDHARA HARSOLI ( ज्ञानधारा हरसौली )

Breaking News

प्री बीएसटीसी परीक्षा 2021 का विज्ञापन जारी, 09 जून 2021 से ऑनलाइन आवेदन प्रारंभ, सितंबर में हो सकती है परीक्षा,बीएसटीसी की संपूर्ण जानकारी के लिए आगे दिए गए लिंक पर क्लिक करें CLICK HERE प्री बीएसटीसी परीक्षा 2021 की संपूर्ण जानकारी के लिए बीएसटीसी की अधिकृत वेबसाइट पर ही विजिट करें प्री बीएसटीसी 2021 अधिकृत वेबसाइट पर जाने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें :- CLICK HERE पीटीईटी 2021 परीक्षा हेतु आवेदन की तिथि एक बार फिर 20 जून तक बढ़ा दी गई है पीटीईटी की अधिकृत वेबसाइट पर जाने के लिए यहां क्लिक करें :- CLICK HERE

आधुनिक संस्कृत साहित्य का इतिहास

प्रिय विद्यार्थियों,
आधुनिक संस्कृत साहित्य के इतिहास से कक्षा 12 के अंतर्गत प्रश्न दो प्रकार से पूछे जाते हैं ! यह दो प्रकार है :-
१. व्यक्तित्व और कृतित्व पर टिप्पणी - 3 अंक
२. रचना अथवा रचनाकार का नाम - 1 अंक ! 
यहां पर हम संस्कृत साहित्य के अंतर्गत 15 आधुनिक साहित्यकारों के व्यक्तित्व और कृतित्व का अध्ययन करेंगे जो परीक्षा दृष्टि अत्यंत महत्वपूर्ण है !

                                                                                                  * आधुनिक संस्कृत साहित्य के प्रमुख रचनाकार *

१. श्रीनिवासाचार्य: - श्रीनिवास आचार्य का जन्म राजस्थान के चूरू जनपद में हुआ इनके द्वारा 1933 ईस्वी में " चंद्रमहीपति " नामक एक उपन्यास की रचना की गई इसका प्रकार की स्वतंत्रता प्राप्ति के पश्चात हुआ इस उपन्यास में राजकुमार और राजकुमारी की प्रेम प्रसंग का वर्णन है इस नाटक में खलनायक का वर्णन भी किया गया है !

       यह उपन्यास गद्य में लिखित है लेकिन बीच में चित्रकाव्य की योवर्तमान , विशेष रूप से एक अक्षर व द्वया अक्षर काव्य का समावेश रस भंग करतादर्रा

२. पंडित नवल किशोर शास्त्री कांकर : - पंडित नवल किशोर शास्त्री का का जन्म जयपुर नगर में हुआ ! इनके पिता श्री गणेश नारायण शर्मा थे ! इनके द्वारा विरचित " यात्रा विलासम " एक प्रौढ़ उपन्यास है ! इसका प्रकाशन 1993 ईसवी वर्ष में हुआ ! इसमें इन्होंने अपने जीवन के यथार्थ अनुभव  का अंकन किया है ! वस्तुत: यह उपन्यास विभिन्न तीर्थ स्थलों और यात्रा संबंध और दर्शन संबंध की उत्कृष्ट रचना है !

३. पंडित वृद्धि चंद्र शास्त्री :- पंडित वृद्धि चंद्र शास्त्री का जन्म जयपुर में हुआ ! इनके द्वारा रचित ग्रंथों में विशेष रूप से उल्लेखनीय है :-

                                1. आदर्श दंपत्ति  (नामक उपन्यास)
                                2. उमा  (नामक आख्यायिका) ! 
इसके अतिरिक्त इनके द्वारा लघु कथाएं और निबंध लेखन भी किया गया !

४. स्वर्गीय भट्ट मथुरा नाथ शास्त्री  :- कवि शिरोमणी भट्ट मथुरा नाथ शास्त्री का जन्म जयपुर नगर में हुआ ! इनके द्वारा विरचित " आदर्शरमणी " एक प्रमुख उपन्यास है ! इसका कथानक बंगाल प्रांत से संबंधित है ! यहां  रचनाकार ने नारी के आदर्श जीवन और उसकी त्यागमयी प्रवृत्ति का वर्णन किया है !इस उपन्यास में शरतचंद्र चटर्जी महोदय का स्पष्ट प्रभाव दिखाई देता है !
इसके अलावा श्री भट्ट मथुरा नाथ शास्त्री ने कुछ और ग्रंथों की रचना की जो इस प्रकार हैं :-
1. साहित्य वैभवम्
2. जयपुर वैभवम्
3. गोविंद वैभवम्
4. भारत वैभवम्
5. आदर्श रमणी
6. रसगंगाधर टीका
7. गाथा रत्न समुच्चय !

५. देव ऋषि कला नाथ शास्त्री :-  यह भट्ट मथुरा नाथ शास्त्री के पुत्र थे इनका जन्म जयपुर नगर में हुआ ! 
इनके द्वारा विरचित प्रसिद्ध रोचक उपन्यास " जीवनस्य पृष्ठ द्वयम् "  है ! यह उपन्यास भारती पत्रिका में धारावाहिक रूप से प्रकाशित हो चुका है ! इस उपन्यास का कथानक शिष्या और शिक्षक के मध्य प्रेम  प्रसंगों पर आधारित है !
कला नाथ शास्त्री महोदय राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित हैं ! साहित्य वल्लरी नामक कृति के लिए इनको संस्कृत साहित्य का यह सम्माननीय पुरस्कार प्राप्त हुआ !

६. पंडित गिरिधर शर्मा चतुर्वेदी :- 
                   पंडित गिरिधर शर्मा चतुर्वेदी का जन्म जयपुर नगर में हुआ !  इनकी शिक्षा दीक्षा भी जयपुर में संपन्न हुई ! 

* इनके द्वारा रचित ग्रंथों में विशेष रूप से उल्लेखनीय है  :-
1. प्रमेय पारिजातम्
2. वेद विज्ञान बिंदु:
3. वैदिक विज्ञानम् ! 

इनकी द्वारा रचित दो कहानियां प्रसिद्ध है :-
1. पितुरुपदेश:
2. कश्चित् कवि: !
=> " भारतीय संस्कृति "  इस ग्रंथ के लिए इनको केंद्रीय संस्कृत अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया !

७. पंडित गणेश राम शर्मा :- पंडित गणेश राम शर्मा का जन्म राजस्थान के  डूंगरपुर जनपद में हुआ ! उनकी शिक्षा-दीक्षा जयपुर में संपन्न हुई ! 

* इनके द्वारा रचित काव्य में प्रमुख है :-
   1. महिषमर्दिनी स्तुति:
    2.मोहनाभ्युदयम्
    3. सुशीलोद्वाहमंगलम्
    4. आशी: कुसुमांजलि !

* इनके द्वारा 20 कथाओं का संग्रह " राजस्थान संस्कृत अकादमी"  द्वारा " संस्कृत कथा कुंज  " नाम से प्रकाशित है !

८. डॉ पुष्कर दत्त शर्मा :-   डॉ पुष्कर दत्त शर्मा का जन्म राजस्थान के चूरू जनपद में हुआ ! डॉ पुष्कर ज्योति शर्मा संस्कृत , हिंदी भाषाओं के अतिरिक्त - अंग्रेजी , रूसी , फ्रेंच  आदि  भाषाओं के भी ज्ञाता थे !

* इनके द्वारा रचित प्रमुख ग्रंथ :-
          1. कंटी    ( हिंदी उपन्यास 1973 में प्रकाशित )
          2. प्रतिवेशिनि।  ( चर्चित कथा ) !
=> प्रतिवेशिनी कथा स्वर मंगला पत्रिका में प्रकाशित हो चुकी है !

९. डॉक्टर प्रभाकर शास्त्री :- डॉ प्रभाकर शास्त्री का जन्म जयपुर नगर में हुआ ! इनके पिता पंडित वृद्धि चंद शास्त्री थे इन्होंने संस्कृत साहित्य में अनेक रूपको और कथाएं लिखी !
 
=> संस्कृत साहित्य में इनके द्वारा लिखित प्रसिद्ध कथाएं :-
                      1. आत्म वेदना
                      2. जीवन ज्योति: !
*  आत्मवेदना कथा " राजस्थानस्याधुनिका:  संस्कृतकथालेखका: " नामक संकलन ग्रंथ में प्रकाशित हो चुकी है !
*  " जीवन ज्योति " कथा स्वर मंगला पत्रिका में प्रकाशित हो चुकी है !

१०. पंडित दुर्गा प्रसाद द्विवेदी :- पंडित दुर्गा प्रसाद द्विवेदी का जन्म राजस्थान की जयपुर नगर में हुआ ! इनकी प्रारंभिक शिक्षा भी जयपुर में ही संपन्न हुई !
                                     
* इनके द्वारा रचित ग्रंथों में प्रमुख है :-
                  1. देवराज चरितम्
                  2. साहित्यदर्पणस्य टीका
                  3. चातुर्वर्ण्य शिक्षा
                  4. दशकण्ठ वधम्
                   5. उपपत्तीन्दुशेखर:

११.पंडित मधुसूदन ओझा :- इनका जन्म बिहार राज्य के मुजफ्फरपुर जनपद में हुआ तथा प्रारंभिक शिक्षा दीक्षा भी यही संपन्न हुई !
ये वैदिक वांग्मय तथा भारतीय धर्म दर्शन के  अद्वितीय विद्वान थे ! इनके द्वारा रचित महत्वपूर्ण ग्रंथ निम्न है :-
                    
                      1. वैदिक कोष:
                     2. इंद्र विजय:
                      3. कादंबिनी
                      4. अहोरात्रवाद
                      5 महर्षी कुल वैभवम्
                      6. पथ्यास्वस्ति
                      7. श्रीमद्भगवद्गीताया:
                      8. विज्ञान भाष्यम्

१२. डॉ नारायण शास्त्री कांकर :-  डॉ नारायण शास्त्री कांकर का जन्म राजस्थान प्रांत के जयपुर नगर में हुआ !    इनके पिता श्री नवल किशोर शास्त्री कांकर भी संस्कृत के विद्वान कवि थे !
इनके द्वारा संस्कृत भाषा में अनेक रूपको की रचना की गई ! इनके    द्वारा रचित प्रमुख रूपक  निम्नलिखित हैं :-
       1. कर्तव्य परायणता ।       5. प्रतिभा चमत्कार
       2. स्वातंत्र्य यज्ञाहुति।        6. उदारमना भामाशाह:
       3. कुणालस्य कुलीनता      7. गुरु दक्षिणा
       4. धनिक धूर्तता ।            8. प्रेम परीक्षा।     

१३. डॉ हरी राम आचार्य  : - 
* डॉ हरिराम आचार्य संस्कृत के प्रतिष्ठित साहित्यकार हैं !
*  इनको 2005 ईस्वी में राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित किया गया !
* इनके द्वारा विरचित प्रमुख रूपक निम्न है :-
      1.  पूर्व शाकुंतलम् गंगा लहरी
।     2. नहीं भोजसमो न्रृप
       3. आषाढ़स्य प्रथम दिवसे
       4. सत्यमेव जयते
       5. वेताल कथा
       6. नेत्रदानम्

१३. श्री सीताराम भट्ट पर्वणीकर :- 
* यह संस्कृत के महान काव्य कार थे !
* इनके द्वारा विरचित महाकाव्यों में ईश्वर विलास  महाकाव्य प्रसिद्ध है !
* इस महाकाव्य में जयपुर शासक ईश्वरी सिंह तथा उसके पूर्वजों का क्रमिक वर्णन है !
* इस महाकाव्य में 14 सर्ग है !
* इस महाकाव्य का प्रधान रस वीर रस है !
* इनके द्वारा विरचित अन्य महत्वपूर्ण महाकाव्य :-
                       1. जय वंशम्
                       2. नल विलास:
                       3. नृप विलास:
                       4. राघव चरितम्

१५. पंडित श्री सूर्य नारायण शास्त्री  :- इनका जन्म हरियाणा प्रांत के महेंद्रगढ में हुआ तथा शिक्षा दीक्षा जयपुर नगर में संपन्न हुई !
* इनके द्वारा मानवंश नामक महाकाव्य की रचना की गई !
* इस महाकाव्य में 19 सर्ग है !!
* यह एक ऐतिहासिक महाकाव्य है जिसमें जयपुर नरेश मानसिंह के पूर्वजों का वर्णन है !
* इस महाकाव्य का प्रधान रस वीर रस है !

१६. पंडित विद्याधर शास्त्री :-
* इनका जन्म राजस्थान के चूरू जनपद में हुआ !
* इनके द्वारा हरनामामृत नामक महाकाव्य की रचना की गई !
* इस महाकाव्य में 16 सर्ग है !
* इस महाकाव्य के नायक पंडित हरनाम दत्त है ! जोकि पंडित विद्याधर शास्त्री के दादाजी हैं !
* महाकाव्य के प्रमुख स्थलों में मरू प्रदेश का वर्णन , नायक की बाल्यावस्था और छात्रावास जीवन का वर्णन विशेष रूप से उल्लेखनीय है !

१७. आचार्य मधुकर शास्त्री :-
* इनका जन्म राजस्थान प्रांत के जयपुर जनपद में हुआ !
* इनके द्वारा विरचित प्रसिद्ध महाकाव्य " श्री महावीर सौरभम् " है !
* इस महाकाव्य में कुल 16 सर्ग है !
* इसमें तीर्थंकर भगवान महावीर के जीवन का वर्णन है !

१८. श्री पद्म दत्त ओझा ( पद्म शास्त्री ) :-
* इनका जन्म उत्तर प्रदेश के अल्मोड़ा जनपद में हुआ !
* इनके द्वारा रचित महाकाव्य  " लेनिनामृतम् "  है ! 
* इस महाकाव्य में लेनिन के जीवन वृत्त का वर्णन है !
* इस महाकाव्य में कुल 15 सर्ग है !


१९. पंडित गुलाब चंद्र चूलेट :-
* इनका जन्म राजस्थान के जयपुर जनपद में हुआ !
* इनके द्वारा " महारथी " नामक महाकाव्य की रचना की गई !
* इस महाकाव्य के कथानक का मूल आधार महाभारत है !
* महाकाव्य में 21 सर्ग है !
* जिसमें महारथी कर्ण के जीवन चरित्र का वर्णन किया गया है !


कोई टिप्पणी नहीं

यदि आपकी कोई समस्या है तो आप हमें कमेंट करके जरूर बताएं